शरीर को तराशने का कारखाना 'जिम'

   


ज का आधुनिक समाज स्वस्थ शरीर के साथ-साथ 'सुन्दर शरीर' तथा 'सुगठित शरीर' के प्रति विशेष आकर्षित हो रहा है। यूं तो सुन्दर और आकर्षक शरीर की ललक समाज के सभी वर्गों में समान रूप से देखी जा रही है, युवक-युवतियों में इस प्रवृत्ति का नशा बढ़ता ही जा रहा है। __


आकर्षक शरीर बनाने की प्रवृत्ति के कारण ही महानगरों से लेकर छोटे-छोटे कस्बों तक में बड़ी संख्या में 'हेल्थ क्लब' खुल चुके हैं। इन हेल्थ क्लबों या जिमा. * में बड़ी संख्या में युवक-युवतियां संगीत का का मधुर स्वर लहारया क बाच पसान स लथपथ अपन शरार को तराशने के लिए कड़ी मेहनत करते नजर आते हैं। ____


मोडल.     मोटापे को कम करने वाले एवं कुछ खेलों के खिलाड़ी भी अपने शरीर को तराशने तथा अपनी मांसपेशियों या की शक्ति बढ़ाने के लिए हेल्थ क्लब' में पहुंचते हैं। इस संदर्भ में एक महत्त्वपूर्ण पहलू यह भी है कि जिमों के प्रति युवाओं का जितना उत्साह दिखायी देता है, उतनी ही उनमें धैर्य और सहनशीलता की कमी होती है। लड़कियों एवं महिलाओं के बढ़ते वजन की समस्या को रोकने एवं वजन घटाने में 'फ्लोर एक्सरसाइज' की भूमिका अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होती है। अधिक वजन को शीघ्रता से घटाने के लिए फ्लोर एक्सरसाइजों के अ ल । व साइक्लिंग मशीन एवं स्लिमिंग मशीनों का एक साथ प्रयोग कर प्रभावी तरीके से काफी कम समय में ही वजन को नियंत्रित किया जा सकता है।


___ व्यायाम छोड़ने के बाद वजन में वृद्धि और जोड़ों में कष्ट का होना एक सामान्य प्रक्रिया है क्योंकि व्यायाम छोड़ने के बाद शरीर में ऊर्जा (कैलोरी) का खर्च काफी घट जाता है जिससे पुनः वजन में वृद्धि होने लगती है तथा मोटापे की वजह से ही जोड़ों में दर्द तथा अन्य बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं। इसी कारण व्यायाम को दिनचर्या में सम्मिलित करते रहना चाहिए। महिलाओं को मासिक एवं गर्भावस्था के दौरान 'हैल्थ क्लब' जाना बन्द कर देना चाहिए। ।


युवाओं को मानसिक रूप से हमेशा यही सोचना चाहिए कि 'हम स्वस्थ एवं युवा हैं।' इससे न केवल हम बुढ़ापे को दूर भगाएंगे बल्कि एक स्वस्थ समाज का निर्माण भी करेंगे। व्यायाम दारा देहयष्टि को प्राप्त करने के लिए 'डाइट' का भी परा-परा ध्यान रखना आवश्यक होता है। 'नो डाइट नो फाइट' के सत्र को अपनाने के बाद ही के 'देहयष्टि' को बनाये रखा जा सकता है। इसके लिए 'पर्सनल डाइट चार्ट' भी बना लेना आवश्यक होता है।


बॉडी बिल्डरों को महीने में तीन बार – 'साना बाथ' भी हैल्थ क्लबों में कराया जाता है। इससे वसा के क्षय के साथ-साथ त्वचा में चमक भी आती है। साना बाथ द्वारा जोड़ोंके दर्द को भी प्रभावी तरीके से कम किया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि 'हैल्थ क्लब' को ज्वाइन करके युवक-युवतियाँ न सिर्फ अपने देह को तराश सकते हैं बल्कि अपनी सुरक्षा का भी पुख्ता इंतजाम कर सकते हैं।