नजर के चश्मे से छुटकारा पाना अब प्राकृतिक चिकित्सा में भी सम्भव है : डॉ. ईस अहमद (डीएनवाईएस)

            -आधुनिक युग में बढ़ते नेत्र रोगों के चलते अनेक व्यक्ति डाक्टरों के पास जाते हैं जिनके चलते डाक्टर उन्हें नजर के चश्में या फिर ज्यादा परेशानी होने पर ऑपरेशन की सलाह देते हैं। परन्तु होज वाली बडी मस्जिद के ठीक सामने लालबाग रोड स्थित क्लीनिक पर डाक्टर रईस अहमद ने प्रसिद्ध स्वास्थ्य पत्रिका 'स्वास्थ्य रक्षक' के संवाददाता से की अनौपचारिक भेट वार्ता में बताया कि नजर के चश्मों से छुटकारा पाना प्राकृतिक दवाओं (आयुर्वेद) से सम्भव है। जिससे अनेक लोगों ने लाभ भी पाया है क्योंकि आंखों को सम्बंध सीधे व्यक्ति के दिमाग से होता है। इसलिए इसका ईलाज आयुर्वेद में सम्भव है। आप किस प्रकार से मरीजों का उपचार करते हैं?    


आप किस प्रकार से मरीजों का उपचार करते हैं?  


आयुर्वेद दवाओं के द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति व व्यायाम कराकर मरीजों को उनकी बीमारियों के अनुसार उपचार दिया जाता है। उपचार तभी किया जाता है जब मरीज की जांच के द्वारा पूरी जानकारी ले ली जाती है।


आप कौन-सी पद्धति को अपनाकर उपचार करते हैं?


 


नेचरोपैथिक चिकित्सा पद्धति के द्वारा जोकि भारत सरकार से प्रकार मान्य वं एक विश्वसनीय पद्धति है।  


आपके द्वारा अपनायी गयी चिकित्सा पद्धति में सभी प्रकार के नेत्रों का उपचार सम्भव है?    


इस पद्धति में कालामोतियां (गिलोकोमा) को छोड़कर सभी प्रकार के नेत्र रोगों का उपचार सम्भव है। इससे अनेक व्यक्तियों ने लाभ भी पाया है।        


आपने कैसे सोचा कि इस प्रकार की पद्धति को अपनाकर भी आंखों का उपचार किया जा सकता है?   


बीते वर्षों में पब्लिक वेलफेयर सोसायटी के द्वारा नेत्र रोगों के उपचार के लिए कैम्प लगाए जो थे जो अभी भी लगाए जाते हैं। उन्हीं कैम्पों से प्ररेणा लेकर एवं अपने मामू डाक्टर बाबू के सहयोग से आंखों का ईलाज किया।        


अन्य चिकित्सा पद्धतियों में आंखों से चश्मा हटाना सम्भव है या नहीं ?


मेरे द्वारा अपनाई जा रही चिकित्सा पद्धति नेचरोपैथिक में ही बिना ऑपरेशन में नेत्र रोगी की आंख से चश्मा हटाया जा सकता है। इस पद्धति के द्वारा मरीज को सम्भवतः 3, 6, 9 महीनों अथवा 1 वर्ष के अन्तर्गत लाभ प्राप्त हो जाता है। अन्य पद्धतियों में इस प्रकार का उपचार सम्भव नहीं है।


कितने वर्षों की रिसर्च के बाद आपने इस चिकित्सा पद्धति को अपना?


सबसे पहले मैं दिल्ली स्थित संस्थान से (डीएनवाईएस) डिप्लोमा नेचरोपैथिक साइंस कर 6 से 7 वर्ष की रिसर्च के बाद इस चिकित्सा पद्धति को मैंने अपनाया। रिसर्च पूरी होने के बाद मैंने सर्वप्रथम अपने लगे चश्में को लेकर स्वयं अपने ऊपर, अपनी बेटी, अपनी पत्नी एवं पुत्रवधु के ऊपर इसको अपनाया। पूर्ण रूप से संतुष्ट होने के बाद ही अन्य मरीजों का उपचार प्रारम्भ किया। अभी तक कितने व्यक्ति आपके उपचार से लाभ प्राप्त कर


अभी तक कितने व्यक्ति आपके उपचार से लाभ प्राप्त कर चुके हैं?


अनेक लोगों ने मेरे द्वारा किये गये उपचार से लाभ पाया है। और अपनी आंखों को चश्में से छुटकारा दिलाया है। उन्हीं में से राजकुमार मझोला, मोनी रामपुर, मौहम्मद रजा अमरोहा, आबिद हुसैन रामनगर, जरीना बेगम बिलारी, सुलेमान नूरजहां मौ सफी, मौ आरिफ मुरादाबाद आदिन ने संतुष्टि पूर्वक लाभ पाया है।


                                                                                                


                                                                                           डाक्टर रईस अहमद