कीटोडाइट से फैटबर्न संभव

 


आज हम आस-पास नजर दौड़ाएँ तो पाते हैं कि अनेकों लोग बढ़े हुए वजन की समस्या से ग्रसित हैं। जिसे मोटापा या ओवेसिटी के नाम से जाना जाता है। यहाँ तक कि बच्चे भी अब इस समस्या से अछूते नहीं रह गए हैं। आज की व्यस्त जीवन-शैली, तनाव और खान-पान की गलत आदतें वजन बढ़ने के प्रमुख कारण हैं।


मोटापा वह स्थिति होती है, जब अत्यधिक शारिरिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाती है कि वो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने लगती है।


शरीर भार सूचकांक (बी.एम.आई.) मानव भार और लंबाई का अनुपात होता है। जब 25 कि.ग्रा./मी2 और 30 कि.ग्रा/मी2 के बीच हो, तब मोटापा पूर्व स्थिति एवं जब ये 30 कि.ग्रा/मी2 से अधिक हो तब मोटापा या ओबेसिटी कहलाता है।


मोटापा प्रत्सक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अनेकों रोगों का जनक अथवा रोग की तीव्रता बढ़ाने में सहायक होता है। हृदय, किडनी, मधुमेह, जोड़ों की समस्याएँ, ब्लडप्रेशर यहाँ तक कि अवसाद भी किसी न किसी तरह मोटापे से संबंधित हैं। मोटापे से ग्रसित व्यक्ति वजन कम करने के अनेकों तरीके ढूढ़ते हैं किंतु साथ-साथ ही मोटापे के कारण जानना भी उतना ही आवश्यक है


है वसा अंक के मोटापे के वजह से हमारा स्वास्थ्य एवं सामान्य कार्य कलाप तो प्रभावित होते ही हैं, किंतु कई बार इसके कारण आत्मसम्मान एवं आत्मविश्वास में कमी भी देखी जाती है। मोटापे से बचाव या उसको कम करने के लिए अनेकों प्रकार के उपाय अपनाए जा सकते हैं। उनमें सर्वप्रमुख है खान-पान को नियंत्रित करनाकुछ भोज्य पदार्थों का परित्याग या कम मात्रा में लेना ठीक रहता है क्योंकि ये भोज्य पदार्थ मोटापा बढ़ाते हैं जैसे अत्यधिक वसा युक्त खाना, मीठा या बहुत नमक वाली खाद्य सामग्रीजंक फूड भी मोटापा बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है इसके अतिरिक्त प्रोसेस्ड एवं रिफाइन्ड खाद्य पदार्थ ज्यादा मात्रा में लेना नुकसानदेह होता है।


कुछ खाने की चीजें मोटापे को कम करने में सहायक हो सकती हैं जैसे फल, सब्जियाँ, पत्तेदार सब्जियाँ, अंकुरित धान्य, ग्रीन टी इत्यादि।


वजन घटाने के लिए कम खाना खाना चाहिये। नियमित अंतराल में थोड़ा-थोड़ा भोजन लें। थोड़ी मात्रा में सूखे मेवे भी फायदा करते हैं। अच्छी चीज भी यदि अत्यधिक मात्रा में खाएँगे तो वह मोटापे का कारण बन सकती है।


इस लेख में हम यह देखने का प्रयास करेंगे कि खाना कम करके या कोई विशेश प्रकार का डायट प्लान लेकर मोटापा किस प्रकार कम किया जा सकता है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि


मोटापे के कारण :


1. जीवनशैली- आज की व्यस्त जीवन-शैली जैसे अनियमित खान-पान, सोने एवं उठने का समय, जंक फूड का सेवन मोटापे बढ़ने का बहुत बड़ा कारण है।


2. शारिरिक-निश्क्रियता- सारे समय बैठे रहना, कोई शारिरिक गतिविधियाँ न करना भी मोटापा बहुत तेजी से बढ़ा रहा है।


3. खान-पान- असंतुलित आहार, ज्यादा वसा युक्त खाना, भूख एवं जरूरत से ज्यादा खाना, खान-पान में अनियमितता, जंक फूड का सेवन आदि मोटापे को आमंत्रण देती हैं।


4. तनाव- तनाव अप्रत्यक्ष रूप से मोटापे को बहुत बढ़ावा देता हैतनावग्रस्त व्यक्ति अस्वाभाविक रूप से खाना-पीना शुरू कर सकता है।


5. अनुवांशिकता- यदि परिवार में माता-पिता, दादा-दादी को मोटापे की समस्या रह चुकी है तो संभवतः आप भी इसके शिकार हो सकते हैं।


6. बढ़ती उम्र में भी शारिरिक गतिविधियाँ कम होने एवं मेटाबालिस्म में कमी होने से भी मोटापा बढ़ सकता है।


7. बीमारी- कई बीमारियों जैसे, हाइपोथायराइड, गठिया, पोलीसिस्टीक ओवरी सिंड्रोम इत्यादि में वजन बढ़ सकता


8. दवाएँ- कुछ दवाओं के उपयोग करने से भी मोटापा बढ़ सकता है।